बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |
Главное в жизни
Саморазвитие
Отношение к курению
Положительное
Отношение к алкоголю
Положительное
Интересы и увлечения
Деятельность
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक&#
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बन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो |
एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई |
दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं |
इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ?
जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ |
बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँबन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक कि
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टु
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बन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो |
एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई |
दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं |
इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ?
जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ |
बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँबन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक कि
Оразование и карьера
Школа
Наименование66th Street Elementary School
Начало обучения1935 г.
Окончание обучения1940 г.
Специализацияबन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&#
Работа
Организацияबन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&a
Должностьबन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&a